सोमवार, 1 अगस्त 2016

देश गर्त में जा रहा है।

भाई कल शर्मा जी के यहाँ बैठे चाय पी रहे थे लोग की अचानक एक बार बारीक़ सा मामला उठा दिया एक भाई ने , कहने लगे भाई देश कहाँ से कहाँ जाने लगा मेरिट के बजाये अब पैसे से लोग क्रिकेट टीम में जगह बना ले रहे है अब सचिन के बेटे को ही देखो ,टीम में जगह मिल गई रिक्शे वाले के बेटे के बदले, साहब इस देश का कुछ नही हो सकता ,मतलब गर्त में जा रहा है अपना देश ।  मुझे तो रात नींद नही आ रही पता नही हमारे जेस्से मिडिल क्लास लोगो का क्या होगा। साहब हद होती है खेल में भी अगर बाप की औकात देखेंगे तो साहब टैलेंट का क्या होगा। अब मेरा बेटा ही क्रिकेट खेलता है। कितना सपना सजा रखा था की देश के लिए खेलेगा मेरा और देश का नाम रौशन करेगा , लेकिन अब तो साहब भरोसा उठ गया। मतलब गरीब हो तो क्रिकेट नही खेल सकते। हद होती है साहब । 

कई मिनट से एक भाई साहब चुपचाप बैठे थे , एकाएक बोलना शुरू किया । " अरे क्या बात करते है महाराज आप सचिन के बेटे की बात छोरो वो तो खैर बच्चा है , रात को जिद्द करने लगा होगा की अंडर सिक्सटीन में खेलना है तो बच्चे की बात कैसे नही मानते लेकिन साहब सुना है की कोई बिन्नी है , उसको भी बाप के कारन ही टीम में ले लिया था तो हल्ला नही किया किसी ने। आज बच्चे के लिए इतना हल्ला । " खुद ही सब कहते है की मेरा सचिन , तो सचिन का बेटा भी तो भाई भतीजा ही हुआ तो फिर इत्ता हल्ला क्यों । साहब सब सोची समझी साजिश है बी जे पि वालो की । अब सचिन ठहरे कांग्रेसी साहब झूठ का हल्ला मचा रहे है। साहब कोई बात हुई अब बच्चा रोया तो टीम में ले लिया । अब ले लिया तो इत्ता बवाल । जाके पूछो ना रिखसे वाला का  बाप तो खुद ही कह रहा है की कुछ भी गलत नही हुआ है फालतू का हल्ला है सब ।

भाई अपने यहाँ अब हर मुद्दे पे बहस का एक ट्रेंड बन गया है। एक लोग होंगे जो कहेंगे बारिश नही हो रही है तो पक्का मोदी ने कुछ किया होगा तो दूसरा कहेगा साहब देश गर्त में जा रहा है हमारा कुछ नही हो सकता । भाई आखिर आपका क्यों हो कुछ? 

कल जब सरकारी नौकरी में होते हुए भी आप बेटे के इंजीनियरिंग के लिए स्कालरशिप ले रहे थे तो पता नही चल रहा था की किसी गरीब का बच्चा आज आपके कारण कॉलेज के बदले मजदूरी करने जाएगा । मतलब तो यही साहब की गांधी और भगत पैदा तो हो !लेकिन मेरे नही शर्मा जी का बेटा । मेरा बेटा तो भैया डॉक्टर इंजीनियर बनेगा।

मतलब आप इत्ते दिन से गरीब का हक़ मार रहे थे तो कुछ नही , कहते थे मेरा हक़ है क्यों नही लूँ। और आज सचिन के बेटे की बात हुई तो साहब अमीर और गरीब दिखाई देने लगे । आपको सब पीड़ीत जान पर्ने लगे । मतलब कल सचिन के बेटे को बच्चा होगा तो बोलना की साहब सब पैस्से की बदौलत हुआ है। लगता है जैसे पहली बार ऐसा देख रहे हो। साहब जिस दुनिया की सबसे बडी शिक्छा मंदीर् में जब खुले आम अमीरों को दाखिला मिलता है तो क्रिकेट में क्या गलत है ? बताइए । अरे साहब ऐसा नही है की बरे लोगो के बच्चे सब नाकारा ही होते है ।अमिताभ और हरिवंश जी को देखो । साहब अब जिसके घर में नाच होगा उस घर की औरते भी खिडकी से ही सही देखेगे तो। अब जरुरी तो नही की इंदिरा जवाहर के घर में ही पैदा हो या बड़े लोगो के बच्चे नाकारा ही हो । साहब राहुल को ही देख लीजिए। राजीव गांधी का बीटा होके भी अपनी दम पर भारत के इत्ते लोकप्रिय नेता है की नही ? अरे भाई ये सफलता क्या है कुछ नही थोड़ा सा किस्मत थोड़ा सा मेहनत। अब बवाल मचाने से क्या रिक्शे वाले का बेटा टीम में आ जाएगा क्या ? हम उस समाज में रहते है जहाँ गाड़ी ओवरटेक करने पर ओकादनुसार गोली मारी जाती है या फिर साइड दिया जाता है। और हम इस फालतू की चीज पर बहस कर रहे है । बहस करना है तो करो ना लेकिन अब सचिन का बेटा ही क्यों अपने बेटे पे ही कर लो भाई । नहीं। कैसे करोगे भाई क्योंकि साहब आप तो दिया हो और दिए के तले तो अँधेरा होता ही है। अब पिछली बार जब आपका ही प्रमोशन हुआ था क्या तो भगवान को चढ़ावा नही चढ़ा के आये थे क्या ? पूरा बण्डल। साहब आपका दिल नही है दरिया है। और आज सचिन का बेटा सेलेक्ट हो गया तो बड़ी मिर्ची लग रही है आपको। अरे साहब इ सब फालतू का झगड़ा और आपकी बकचोदी के अलावा कुछ भी नही है । अगर सच में आपको चिंता है तो जाइए और जो हर जगह फ्री में बिना हरे फिटकरी जो आगे आगे घुसते जाते है सब जगह वो भी छोटे बन के और पिछड़े बन के वो छोड़िए पहले । फिर सचिन के बेटे के सिलेक्शन पर सवाल उठाईएगा। साहब पलंग पर थोड़ा सा दाग आपको कचोट रहा है और आप जो दीमक बने सब जगह पसर के बैठे है वो नही दीखता। हर दिन कोई गरीब कोई जरूरतमंद आपके पैरो के निचले कुचला जा रहा है। दम है तो पहले खुद पे और आपकी बिरादरी के जो सचिन सहवाग है जो दिन रात गली क्रिकेट में छक्का लगा रहे है उनपे ऊँगली उठाइए फिर आइएगा सचिन के बेटे के सिलेक्शन पर सवाल उठाने । फिर देखा जाएगा।


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