आज सुबह बाजार में
मैंने उसे देखा
देखते ही देखते
दिल मचल गया
मैंने कुछ सोचा
बल्कि बहुत सोचा
सोचा कि क्या करूं
आज भी सोचता रहूँ
नहीं
बस मैंने सोच लिया
मैं गया
जेब टटोला
औकात नापी
कुछ कम था
नहीं बहुत कम था
फिर भी मैंने
हिम्मत करके बोल दिया
सौ ग्राम जलेबी दे दो भैया
अब मैं जानता हूँ
सब सोच रहे होंगे
ये क्या बकवास है
कोई बात नहीं
पर ये मेरा तजुर्बा है
इससे ज्यादा मैं कभी
कुछ नहीं कर पाता
जब भी कोशिश करता हूँ
जेब हल्की सी लगने लगती है
मैं डर जाता हूँ
मैं क्या करूं
आप ही बताइए?
द्वारा
आदर्श पराशर
31/08/2014