रात,दिन,सुबह,शाम
तमाम शौक,तमाम जाम
बदन, रूह , ला-मकांम
मुस्तकबिल और बियाबान
तमाम तोहफे तमाम दाम
मेरा अल्लाह, मेरे राम
अश्क , दामन, एहतराम
इजहार ,अलफाज, इरशाद
अंदाज , एहसास, एहतियात
तमाम अदबी,तमाम इंतजाम
तहजीब, तकरीर, तालीम
तसव्वुर, तफसीर,इरादे
तमाम वादे तमाम कसमें
सब कुछ दे दुंगा
बस तुम मिल जाओ
द्वारा
आदर्श पराशर
14-09-2014
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
thanks ....