क्या करोगे सुनकर
बगावत मेरे तकदीर की
जब मेरा पेट खाली होता है
मुझे प्यार हो जाता है
प्यार और भुख
दोनों मुझको घूरते है
पूछते हैं कि
क्या मैं मंजूर हूँ
एक प्यार है जिसके बिना
मैं मर नहीं सकता
एक भुख है जो
जिने नहीं देती
लाचार मैं
प्यार चुन नहीं पाता
फिर भुख के लिए
बेचैन हो जाता हूँ
द्वारा
आदर्श पराशर
14-09-2014
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