शौक सारे पुरे हो जायें
तो जिंदगी अधूरी लगती है
इसलिए मैंने अपने शौक दबाये हैं
और जिदंगी जी रहा हूँ
दर्द सारे खत्म हो जायें तो
सुख कम लगने लगते हैं
इसलिए मैंने अपने दर्द समेटे हैं
और जिदंगी जी रहा हूँ
इश्क अगर आज ही हो जाये तो
जिंदगी खुश्क हो जाती है
इसलिए मैंने अपने को संभाला है
और जिदंगी जी रहा हूँ
खफा हो जाना लाजिमी है
पर फिर समझौते नहीं हो पाते
इस लिए मैंने मुस्कुराना सिखा है
और जिदंगी जी रहा हूँ
मन की बातें मन में रखने से
मन बेचैन हो जाता है
इसलिए कविताएँ लिख कर
जिदंगी जी रहा हूँ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
thanks ....